Sad Story in Hindi-दुःख भरी दास्तान
Sad Story in Hindi मै आपका स्वागत है। आज की ये स्टोरी Sad Story in Hindi प्यार, त्याग, बलिदान धोखा और लालच पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है।
लेकिन इस कहानी Sad Story in Hindi मै आपको सीखने को मिलेगा के हमारे रिश्ते कितने नाज़ुक होते हैं और हमें कैसे धोखा मिल सकता है?
हमारी ये कहानी Sad Story in Hindi कुछ इस तरह के प्यार की है जो आपके दिन को छू लेगी तो चलिए शुरू करते है।
Sad Story in Hindi-hindi sad love story
प्रस्ताबना hindi sad story
रश्मि आज सुबह जल्दी उठ गई और एक तस्वीर जिसपर सूखा हुआ हार चढ़ा हुआ था देखने लगी। ये तस्वीर उसके पिता की थी जिसे वो दुनिया मै सबसे अधिक प्रेम करती थी और वो खुद भी अपने पापा की परी थी। आज उनको इस दुनिया से गए पूरा एक साल हो चूका था।
रश्मि घंटों तस्वीर को देखती रही और आसूं बहाती रही। रह रह कर उसे अपने पिता के साथ बिताए पलों की याद आ रही थी। आज उनकी वारसी थी और रश्मि बहुत दुखी थी।
आज उसे अपने पिता की कमी बहुत महसूस हो रही थी। उसने सोचा था आज का दिन पूरा वो अपने पिता की यादों के साथ ही बिताएगी।
तभी माँ कमरे मै आ जातीं है और रश्मि को देख उसे सहारा देने की कोशिश करतीं हैं रश्मि अपनी का के गले लग कर बहुत देर तक रोटी है और माँ के भी आंसू नहीं रुकते।
काफी केर बाद माँ कहती है “बेटा आज तेरे पापा की वारसी है तुझे बहुत काम करना है बाजार से बहुत सारा सामान लाना है पंडित जी आते ही होंगे जल्दी तैयार हो जा और ये परचा ले सारा सामान ले आ”।
रश्मि खुद को सम्हालती है और तैयार हो कर सामान लेने निकल पड़ती है। सारा सामान खरीदने के बाद वो घर की तरफ चलने लगती है तभी उसे एक कैफे नज़र आता है ये बही कैफे था जहाँ वो अपने पिता के साथ अक्सर आया करती थी।
रश्मि कैफे की उस कुर्सी को देखती है जहाँ वो और उसके पिता अक्सर बैठते थे। वो अपने पिता के साथ बिताए उन पलों मै इतना खो जाती है के उसे पता ही नहीं चलता के वो इस समय बीच रोड पर चल रही है।
तभी पीछे से एक ट्राली तेज़ स्पीड मै आती है वो रश्मि को हटने के लिए हॉर्न भी देती है पर रश्मि को वो सुनाई ही नहीं देता। सारे लोग अपनी आखों पर हाथ रख लेते है उन्हें लगता है अब ये लड़की नहीं बचेगी।
ट्रॉली बहुत तेज़ी से करीब आ रही होती है तभी एक लड़का जो अपनी माँ के साथ करीब ही खड़ा था दौड़ कर उसे सड़क किनारे खींच लेता है।
“क्या कर रही हो आप बीच सड़क पर खड़ी हो मरने का इरादा है?” लड़का कहता है।
रश्मि बदले मै “शुक्रिया” कह कर चली जाती है और लड़का उसे देखता ही रह जाता है।
पिता की वारसी की पूजा पाठ होने के बाद रश्मि कहती है “माँ मै कुछ देर पार्क मै बेठुंगी बाकी का काम आप कर लेना अब तो भैया और भाभी भी आ गए है आप उनके पास बैठो मै कुछ देर बाद अति हूँ”।
शाम का समय था रश्मि अकेले पार्क की उस सीट पर बैठी थी जहाँ वो और उसके पिता दोनों बैठा करते थे।
पार्क मै चरों ओर लोग रनिंग करते या टहलते हुए नज़र आ रहे थे। तभी एक लड़का रश्मि के पास आया और रुक कर बोला “हेलो”।
रश्मि ने नज़र उठा कर देखा ये वही लड़का था जिसने उसकी जान बचाई थी। “हेलो” उसने जवाब दिया।
“मेडम आपको क्या हुआ है? रोड पर भी आप उदास थी यहाँ भी, मै कुछ मदद कर सकता हूँ। अगर आपकी इजाज़त हो तो मै भी बैठ सकता हूँ” लड़के ने कहा।
“जी बैठ जाइए” रश्मि ने कहा। “मेरी जान बचने के लिए आपका धन्यवाद”
“लेकिन आप इतनी उदास क्यों हैं” उसने पूछा।
रश्मि ने सारी बात बता दी। कुछ देर बाद वो बोला “मै आपका दर्द समझ सकता हूँ मेरे भी पिता इस दुनिया मै नहीं है”।
“मेरा नाम विपिन है MBA करने के बाद मुझे दिल्ली मै नौकरी मिली है मै अपनी माँ के साथ कुछ दिन पहले ही यहाँ पीछे गली मै एक एक माकन मै शिफ्ट हुआ हूँ।” उसने कहा “मै यहाँ बिलकुल नया हूँ”
इधर उधर की कुछ बातें करने के बाद विपिन चला गया। रश्मि सोचने लगी अच्छा लड़का है उससे मिल कर अच्छा लगा। फिर लगभग वो रोज़ ही मिलने लगे।
प्यार की शुरुआत।
विपिन बहुत सुन्दर लड़का था और स्वाभाव भी उसका बहुत अच्छा था रश्मि उसके स्वाभाव से बहुत प्रभावित थी। और मन ही मन उसे चाहने लगी थी।
पिछले दो दिनों से विपिन पार्क मै नहीं आया था रश्मि उसका इंतज़ार करती रही और वक़्त गुज़रता रहा। उसकी समझ मै नहीं आ रहा था के वो आज क्यों नहीं आया।
रश्मि को अचानक ख्याल आया क्यों न उसके घर जा कर देखा जाए, उसने घर का पता तो बताया ही था।
रश्मि कुछ ही देर मै उसके घर पहुंच गई। दरवाज़ा उसकी माँ ने खोला “अरे रश्मि आओ केसी हो”। माँ ने कहा
“माँ जी आप मुझे पहचानतीं है” रश्मि ने कहा
“हम उस दिन मिले तो थे जिस दिन तुम्हारे पिता की वारसी थी और मेरा बेटा हमेशा तुम्हारी बातें ही करता रहता है” माँ ने बताया।
“माँ जी विपिन पिछले दो दिनों से पार्क नहीं आया तो मेने सोचा घर चल कर देखूं क्या बात है विपिन की तबियत तो ठीक है ना” रश्मि ने झिझकते हुए पूछा।
“विपिन की बड़ी फिक्र है तुम्हें” माँ ने हॅसते हुए कहा “चलो अच्छा हुआ तुम आ गईं मै भी पिछले दो दिनों से अकेली बोर हो रही थी अब अच्छा वक्त गुज़र जाएगा तुम्हारे साथ”
“वैसे विपिन अपनी कंपनी के काम से कुछ दिनों के लिए इंदौर गया हुआ है कल आ जाएगा मेरी बात अभी हुई है उससे” माँ ने आगे बताया “पूछ रहा था के तुम घर आईं थी किया और तुम आ भी गईं कमाल है”
रश्मि ये सुन कर बहुत खुश हुई के विपिन को भी उसकी फिक्र है। माँ से काफी देर बात करने के बाद वो उनसे ये वादा ले कर के वो कल उसके घर आएंगीं वापस घर आ गई।
राजकुमारी की शर्त और जादूगर जंजाल।
विवाह का प्रस्ताव
अगले दिन माँ रश्मि के घर आ गईं और उसकी माँ से मुलाकात की रश्मि उनके आने से बड़ी खुश थी।
रश्मि की माँ ने बताया “जबसे इसके पिता का देहांत हुआ है ये हमेशा चुप ही रहती थी लेकिन जबसे आप लोगों से मिली है मेरी बेटी खुश रहने लगी है।”
“बहन हमारे बच्चे हमेशा खुश रहें एक माँ को और क्या चाहिए” विपिन की माँ ने कहा। “मुझे तो लगता है ये दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे है”
“मुझे भी ऐसा ही लगता है” रश्मि की माँ ने भी हाँ मै हाँ मिलते हुए कहा।
“लेकिन ये दोनों इतने शर्मीले हैं के एक दूसरे को अपनी मोहब्बत का इज़हार ही नहीं करेंगे तो हमें लगता है हम दोनों को ही कुछ करना होगा” उन्होंने आगे कहा।
दोनों माँओं की सहमति से उनका ये रिश्ता हो गया। रश्मि छिप कर ये सब सुन रही थी वो बहुत खुश हुई और एक दिन चुन कर उनका विवाह बहुत ही धूम धाम से किया गया।
एक लिफाफा
शादी के अगले ही दिन डाक से एक लिफाफा रश्मि के घर आया जो रश्मि के नाम था
अब रश्मि तो थी नहीं तो ये लिफाफा उसकी भाभी ने ले लिआ और खोल कर पड़ने लगी। पूरा लिफाफा पड़ने के बाद भाभी की आँखें चौंध्या गईं।
माँ ने पूछा “क्या आया है लिफाफे मै जो तू हक्का बक्का रह गई है” भाभी ने वो लिफाफा छुआते हुए कहा “कुछ नहीं उसकी सहेली का है विश किया है आ नहीं पाई ना” इतना कह कर वो अपने पती को ले कर कमरे मै चली गई।
इधर रश्मि अपने पति के घर बहुत ही खुश थी मानो उसे सारे जहाँ की खुशयाँ मिल गईं हों।
अगले दिन रश्मि के भाई और भाभी उसे लेने आए। और विपिन की माँ ने बड़े ही प्यार से अपनी बहु को विदा किया। विपिन ने रश्मि के कान में कहा “मैं जल्दी ही तुम्हें लेने आऊंगा तुम्हारे बिना जी नहीं सकता।”
दुःख भरी दास्तान
सभी लोग जैसे ही अपने घर वापस आए उसकी भाभी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो माँ ने कहा “क्या हुआ ?”
“देख लिया माँ अपनी चलाने का नतीजा मुझे तो पहले ही पता था ये लोग सही नहीं है पर तूने मेरी एक नहीं चलने दी और मेरी फूल जैसी बहन को उन भेड़िओं के हाथों सोप दिया” भाई ने कहा।
रश्मि और माँ दोनों ये सुन कर दंग रह गए। “पर ऐसा क्या हुआ है” माँ ने पूछा
“ये लो दहेज़ की लिस्ट दी है तुम्हारे प्यारे दामाद ने अगर पूरी ना की जाए तो रश्मि को तलाक देने की धमकी दी है उसने” बेटे ने धमाका कर दिया।
“ऐसा नहीं हो सकता मै उनसे अभी मोबाइल से बात करती हूँ” और जैसे ही रश्मि ने अपना मोबाइल निकला भाई ने वो छीन कर ज़मीन से मार दिया।
“तुझे अपने सगे भाई पर भरोसा नहीं है अब कोई भी उनसे बात नहीं करेगा ये मामला मै खुद ही निपटाऊंगा।” भाई ने कहा।
रश्मि का जैसे सबकुछ छिन गया हो उसे यकीन ही नहीं आ रहा था के विपिन ऐसा कर सकता है।
भाई और भाभी ने सारी बिसात बिछा दी थीं। उन्हें पता था के विपिन अपनी पत्नी को लेने ज़रूर आएगा इसी लिए उन्होंने एक आदमी को पहले ही सेट किया हुआ था।
अगले दिन विपिन रश्मि को लेने जा रहा होता है के रस्ते मै एक आदमी उससे आ कर लड़ने लगता है दोनों मै हाथापाई होती है और इसी बीच वो एक इंजेक्शन विपिन को लगा देता है। और भाग जाता है।
उस इंजेक्शन के असर से विपिन नशे मै हो जाता है। और इसी हालत मै वो रश्मि के घर आ जाता है।
भाई को तो ये पहले ही पता था के वो आने वाला है वो दरवाज़े पर खड़ा होकर उसे घर मै जाने से रोकने लगता है। और इसी बात पर दोनों मै हाथापाई होने लगती है।
अब भाभी को अपना किरदार निभाना था तो वो रश्मि को ले कर घर की एक खिड़की पर आ जाती है और बताती है
“ये देखो तुम्हारा विपिन नशे मै अपना दहेज़ लेना आया है और तुम्हारे भाई को मार रहा है ऐसे आदमी के साथ कैसे पूरा जीवन गुज़रोगी।”
रश्मि ये देख टूट जाती है और अपनी किस्मत को कोसने लगती है। भाभी जैसे इसी पल का इंतज़ार कर रही थी वो रश्मि को भड़काने लगती है के इसे आदमी से तलाक ले लो।
कुछ दिनों तक रश्मि सदमे मै ही रहती है और भाभी उसे लगातार भड़काती रहती है। अंत मै रश्मि अपना विचार बना लेती है के उसे विपिन से तलाक लेना है।
Life ko Successful Kaise Banaye in Hindi
एक बड़ी शाजिश
तलाक की प्रक्रिया होने लगती है। विपिन के घर एक लिफाफा आता है जिसमे रश्मि उससे तलाक लेना चाहती है। विपिन और उसकी माँ दोनों को कुछ भी समझ नहीं आता ये क्यों हो रहा है।
विपिन रश्मि से मिलने उसके घर आता है तो उसे रश्मि से मिलने नहीं दिया जाता भाई उससे लड़ने लगता है और विपिन को मरने लगता है।
विपिन गुहार लगाता रहता है के वो अपनी पत्नी से मिलना चाहता है। लेकिन उसे बताया जाता है के रश्मि उससे मिलना नहीं चाहती।
विपिन कहता है “पर वो मुझसे तलाक क्यों चाहती है मै उसे तलाक नहीं दूंगा”।
विपिन कहता है “अगर तूने उसे तलाक नहीं दी तो मै तुझे मरवा दूंगा”।
तलाक का दिन आ जाता है पर विपिन मजिस्ट्रेट के सामने नहीं जाता। तो भाई को बहुत गुस्सा आता है।
भाई कुछ गुंडों को कुछ पैसे दे कर विपिन के पास भेज देता है जो विपिन को बहुत मारते है जिससे विपिन अस्पताल मै भर्ती हो जाता है।
और उसे बताया जाता है के अगर उसने रश्मि को तलाक नहीं दिया तो उसे मार दिया जाएगा।
विपिन ये समझ चूका था जो भी हो रहा है उसमे रश्मि के भाई का हाथ है। पर रश्मि क्या चाहती है ये उसे पता नहीं था। और विपिन रश्मि को दिल की गहराई से चाहता था।
उसने इरादा किया के रात को चोरी से वो रश्मि से मिलेगा और बात करेगा। रात जब हॉस्पिटल मै सभी लोग सो गए और उसकी माँ भी सो गई तो चुपचाप वो निकल गया।
विपिन का प्यार
विपिन लड़खड़ाता हुआ रश्मि के घर की तरफ जा रहा था उसके लगभग सारे बदन पर पत्तियां बंधी हुई थीं।
विपिन ने बड़ी हिम्मत करके घर के गेट को चढ़ कर पार किया। और एक पाइप की मदद से रश्मि के कमरे तक पंहुचा।
उसने कमरे की खिड़की खोली और कमरे मै दाखिल हो गया पर उसकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी तो वो खड़ा ना रह सका और गिर गया।
कुछ गिरने की आवाज़ ने रश्मि को जगा दिया। रश्मि एक झटके से खड़ी हो गई। रश्मि के हाथ मै विपिन का फोटो था जिसे वो अपने सीने से लगा कर सो रही थी।
लिफाफे का सच
विपिन बड़ी हिम्मत करके उठा रश्मि के करीब गया उसके हाथ से अपना फोटो लिया देखा और पूछने लगा “इतना प्यार है तो तलाक कियों”।
ठीक तभी रश्मि का भाई कमरे मै आ जाता है। और चीकने लगता है “तेरी इतनी हिम्मर तू घर मै कैसे घुसा निकल यहाँ से” और वो विपिन को खींचने लगता है।
चीख पुकार की आवाज़ से माँ और भाभी भी आ जताई है। विपिन कहता है “मुझे रश्मि से बात करनी है।”
भाई जवाब देता है “तेरी औकात नहीं है इस घर के किसी भी सदस्य से बात करने की निकल यहाँ से।”
माँ ये सब देख दंग रह जाती है और अपने बेटे को चिल्लाती हुई कहती है “रुक जाओ।”, “क्या बात करना कहते हो तुम अब मेरी बेटी का जीवन बर्बाद करके।”
“माँ मेने क्या किया मै तो रश्मि से बहुत प्यार करता हूँ और मुझे पूरा यकीन है के रश्मि भी मुझसे प्यार करती है।” विपिन ने कहा। Sad Story in Hindi
“जिससे प्यार करते हो उससे दहेज़ मांगते हो, उसके घर शराब पि कर हंगामा करते हो, दहेज़ ना मिलने पर तलाक की धमकी देते हो”। माँ कहती चली गई
“मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देते हो तुहें शर्म नहीं आती। अब किस मुँह से आए हो रश्मि से बात करने।”
“माँ ये सारे इलज़ाम झूठे है मुझ पर मैंने कोई दहेज़ नहीं माँगा, ना ही तलाक की धमकी दी है बल्कि तलाक का नोटिस तो मुझे मिला है” विपिन भी नहीं रुका।
“रश्मि उस दिन किसी ने मुझे नशे का इंजेक्शन लगाया था फिर तुम्हारा भाई मुझसे लड़ने लगा और तुमसे मिलने भी नहीं दिया।”
“मै तुमसे तलाक नहीं चाहता बल्कि तुम्हारे साथ जीना चाहता हूँ तुम्हारा ये भाई मुझे तलाक देने के लिए दवाब बनता है मेने मना किया तो ये देखो मेरा क्या हाल किया है इसने”
सारे राज़ खुल गए
इतना सुन रश्मि बेहोश हो गई और धड़ाम से गिर गई। माँ भी ये सुन सन्न रह गई वो सोचने लगी मेरा ही बेटा अपनी बहन का घर बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था।
पर ऐसा उसने क्यों किया। ये ख्याल आते ही जैसे उसे कुछ याद आया हो वो तीर की तरह कमरे से निकल गई।
इधर रश्मि का भाई और भाभी दोनों विपिन पर टूट पड़े और लात घूसों की बरसात कर दी। विपिन दर्द से करहा रहा था और दोनों रुक ही नहीं रहे थे।
तभी एक दर्द भरी आवाज़ सुनाई दी “रुक जाओ कमीनो।” Sad Story in Hindi
भाई भाभी ने पलट कर देखा तो माँ के हाथों मै वही लिफाफा था जो शादी के अगले दिन रश्मि के लिए आया था।
“इसके लिए तुम दोनों ने इतनी बड़ी शाजिश की और अपनी ही बहन का घर बर्बाद करने की कोशिश की, मुझे शर्म आती है तुझे अपना बेटा कहते हुए।” माँ ने रोते हुए कहा।
रश्मि को भी अब तक होश आ चूका था और वो विपिन से लिपट कर ज़ार ओ क़तर रो रही थी।
ठीक तभी पुलिस भी आ गई माँ ने कहा “मेने ही फोन करके पुलिस बुलाई है” माँ ने जैसे आदेश दिया “पकड़ लो इन दोनों को ये मेरे खून का वो ज़लील कतरा है जिसे मै फिर दोबारा देखना नहीं चाहती”
माँ ने वो लिफाफा रश्मि को दिया और कहा “बेटी तेरे पापा ने तेरे लिए एक करोड़ रूपए की पालिसी ली थी जिसकी जानकारी मुझे भी नहीं थी।”
“अब ये मेच्योर हो चुकी है उसी की जानकारी के लिए ये लिफाफा आया था जो तेरी भाभी के हाथ लग गया इसी के लिए वो तेरा घर तुड़वाना चाहते थे।”
माँ ने आगे कहा “विपिन बेटा मुझे माफ कर देना मेरे ही बेटे ने मेरी आँखों पर जो नफ़रत की पट्टी बंधी थी उसकी वजह से मै तुम्हारा त्याग, प्रेम और बलिदान को देख नहीं पाई।”
निष्कर्ष
दोस्तों कैसी लगी Sad Story in Hindi-दुःख भरी दास्तान। अपना सुझाव कमेंट मै ज़रूर बताना।
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